पुलिस कमिश्नर अग्रवाल शहर की व्य्वस्था को सुधारने के लिये एक-एक करके बढ़ रहे है अपने निशाने पर,
लुधियाना (प्रजातंत्र शक्ति,जतिंद्र टंडन): शहर के अंदर कानूनी व्यवस्था, ट्रैफिक व्यवस्था और अपराध पर नकेल कसना पुलिस की पहली ड्यूटी होती है। महानगर लुधियाना की कमान कई पुलिस अधिकारीओ के हाथ आई, उन सभी ने इन समस्याओं पर कंट्रोल करने का वादा किया पर कभी भी अधिकारियों के वादे जमीनी हकीकत में बदलते नहीं नजर आए। लेकिन जब से आइपीएस अधिकारी राकेश अग्रवाल ने पुलिस कमिश्नर लुधियाना की कमान संभाली है तब से लुधियाना के अंदर ट्रैफिक, अपराध और गैर कानूनी कामों, लाटरी आदि पर नकेल कस पाई है। पुलिस कमिश्नर श्री राकेश अग्रवाल ने जो भी शहर की व्य्वस्था को सही करने के लिए सोचा, वह पूरा किया। अब वह एक-एक करके अपने सभी वादों को पूरा कर रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने जो महानगर के अंदर लॉटरी और सट्टे जैसे व्यापार को बंद करवाया। उससे सबको बहुत हैरान की हुई है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पार्टी के एक विधायक सहित कुछ नेताओं ने इस धंधे को दोबारा शुरू करने संबंधी पुलिस पर बहुत प्रभाव डाला, परंतु पुलिस कमिश्नर के सामने उनकी सिफारिशों का कोई असर नहीं दिखा। सभी भीड़ वाले बाजारों में से नाजायज कब्जों को हटवाने का काम नगर निगम का था, परंतु पुलिस कमिश्नर ने इन कब्जों को हटवा कर लोगों को राहत दी है। उन्होंने यह साबित किया है कि अगर अब अधिकारी चाहे तो सब कुछ हो सकता है हो सकता है। देखा जाए तो इससे पहले भी अनेकों पुलिस अधिकारियों ने लुधियाना को ट्रैफिक मुक्त करने के प्रयास किए, परंतु इन सभी प्रयासों में केवल एक राकेश अग्रवाल जी को ही सफलता प्राप्त हुई है। अन्य किसी अधिकारी को इन प्रयासों में कोई सफलता नहीं मिली। माहिरो की माने तो लुधियाना कमिश्नर श्री राकेश अग्रवाल पंजाब के लोगों को अच्छे से जानते लगते हैं । एक लंबा अरसा चंडीगढ़ रीजनल पासपोर्ट आफिस में और सीएम सुरक्षा में ड्यूटी दी है।
इस लिये चंडीगढ़ की तर्ज ओर वह हर तरीकों से लुधियाना में सुधार करने के प्रयास करते आ रहे हैं। जैसे कि पहले उन्होंने जागरूकता के माध्यम से लुधियाना वासियों में बदलाव लाने के प्रयास किए और फिर अगर कुछ लुधियाना वासी नहीं सुधरे तो उन्होंने सख्ती दिखाते हुए लुधियाना को ट्रैफिक व सट्टा बाजार से मुक्त किया।
अब पुलिस द्वारा लुधियाना के लोगों से सोशल मीडिया द्वारा सुझाव मांगे जा रहे हैं की कहा कहा बदलाव की जरूरत है। पुलिस थानों में वर्षों से पेंडिंग चली आ रही दरखस्तो को कैम्प लगा निपटाया जा रहा है। पुलिस सांझ के शक्ति ऐप दुआरा महलाओं को जागरूक किया जा रहा है। अब रात को उनको सुरक्षित घर पहुचाने की जिमेदारी भी पुलिस की है। नारी सुरक्षा को लेकर सेमीनार करवाये जा रहे है। वीमेन सेल में ज्यादा से ज्यादा कॉन्सलिंग कर घर बसाये जा रहे है। अब तो लुधियाना में ऐसा हो गया है कि लोग भी कहने लगे हैं, कि अगर हम चंडीगढ़ में नियमों की पालना कर सकते हैं तो लुधियाना में क्यों नहीं? ट्रैफिक समस्याओं को हल करने के लिए पुलिस कमिश्नर ने ट्रैफिक मार्शल बनाकर पुलिस मुलाजिमों की कमी को पूरा करने का एक प्रयास किया है। इसके बाद जो लोगों ने सड़कों पर नाजायज कब्जे किए हुए हैं उन सभी को प्यार से समझाकर जागरूक करने का प्रयास किया इन प्रयासों से अनेकों लोग तो मान गए परंतु कुछ लोग जो नहीं कब्जे हटा रहे उनके खिलाफ पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। जिस कारण अब भीड़ वाले बाजार ट्रैफिक मुक्त होने लगे हैं। अब तो शायद निगम अधिकारी भी सोचते होंगे कि वह भी इस कार्य को कर सकते थे। पुलिस द्वारा नाजायज कब्जे करने वाले लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि जो व्यक्ति नहीं सुधरेगा उसका पासपोर्ट और असला लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा। जिससे यह ज्ञात होता है कि लुधियाना पुलिस कमिश्नर को भी यह मालूम है कि पंजाबी विदेश जाने के बहुत इच्छुक है और वह कभी भी अपना पासपोर्ट व असला नहीं त्याग सकते।
इसके अलावा जिस प्रकार से नशा तस्करों को पुलिस द्वारा काबू करने में तेजी दिखाई जा रही है उस से ये साबित होता है कि लुधियाना बहुत जल्द सेफ सिटी बन जायेगा।
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